निर्वाणधाम
आदिगुरु-तत्त्व
सबको गुरु मिले, सबकी आध्यात्मिक उन्नति हो, सबकी इच्छा पूर्ण हो।
आपकी इच्छा सीधे गुरु-तत्त्व तक पहुँचती है। उसे सच्चे मन से लिख देना ही पहला कदम है— यहीं से आपकी यात्रा शुरू होती है।
मेरी इच्छा स्वीकार करेंनिर्वाणधाम
निर्वाणधाम कोई संस्था नहीं, बल्कि गुरु-तत्त्व की वह उपस्थिति है जहाँ साधक की जिज्ञासा और उसकी सूक्ष्म अनुभूति सीधे आदिगुरु-तत्त्व से सम्बद्ध होती है। यहाँ साधक बाहरी भ्रम को पीछे छोड़कर अपने अनुभवों को स्पष्ट रूप से देखना सीखता है और अपनी आध्यात्मिक यात्रा की वास्तविक दिशा को पहचानने लगता है।
हमारा उद्देश्य साधक को तटस्थ, स्पष्ट और चरणबद्ध मार्गदर्शन प्रदान करना है, ताकि वह अपनी वर्तमान अवस्था, प्रवृत्ति और पात्रता को समझ सके और अपनी साधना को सुव्यवस्थित रूप से आगे बढ़ा सके। निर्वाणधाम में ज्ञान-मार्ग मुख्य धारा है, परन्तु भक्ति, ध्यान, कर्म, तन्त्र, योग या किसी भी साधना-पथ पर स्थित साधकों को यहाँ समान सम्मान के साथ मार्गदर्शन दिया जाता है। हमारा लक्ष्य किसी का मार्ग बदलना नहीं, बल्कि अज्ञान का नाश कर उसे उसके सत्य स्वरूप में स्थापित होने की दिशा प्रदान करना है।
निर्वाण पथ इस दिशा का स्वाभाविक विस्तार है—एक ऐसा मार्ग जहाँ आदिगुरु-तत्त्व की प्रकाश-चेतना साधक की पात्रता और गति के अनुरूप आगे के चरण प्रकट करती है। इसी हेतु यहाँ ऑनलाइन–ऑफ़लाइन सत्संग, भजन–कीर्तन और विविध चरणबद्ध कार्यक्रम उपलब्ध करवाए जाते हैं, ताकि साधक निरंतर उचित वातावरण में रहे और उसकी साधना का प्रवाह अविरल बना रहे।
निर्वाणधाम का संकल्प एक ही है—सबको गुरु मिले, अज्ञान का नाश हो, हर इच्छा गुरु-तत्त्व की कृपा से पूर्ण हो और प्रत्येक साधक सत्य तक पहुँच सके।
हमारे कार्यक्रम
गुरुज्ञान
आपकी जिज्ञासा और इच्छा को समझकर उसे आदिगुरु-तत्त्व तक पहुँचाने के लिए एक संक्षिप्त और सरल संवाद।
इच्छापूर्ति
अपनी इच्छा लिखकर समर्पित करें; साधक की भावना को आदिगुरु-तत्त्व के आगे पहुँचाने में सहायता हेतु यह सरल माध्यम उपलब्ध है।
संपर्क
किसी भी आध्यात्मिक जिज्ञासा, प्रश्न या मार्गदर्शन हेतु आप सीधे हमसे संपर्क कर सकते हैं—सरल, सुलभ और तत्पर सहयोग उपलब्ध है।
ऑनलाइन सत्संग
साप्ताहिक निःशुल्क सत्संग जहाँ सभी स्तरों के साधक सरल भाषा में ज्ञान, स्पष्टता और मन-स्थिरता का अनुभव करते हैं।
विशेष प्रार्थना
गहन इच्छाओं के लिए जहाँ प्रार्थना-चयन स्वयं गुरु-तत्त्व द्वारा होता है, और साधक को त्वरित कृपा-सहयोग प्राप्त होता है।
सेवा-कार्य
समष्टि-कल्याण हेतु शारीरिक या दान-रूप सेवा में सहभागी बनें; भंडारा और वृक्षारोपण जैसी गतिविधियाँ नियमित चलती हैं।
अखंड प्रार्थना
पाँच मिनट जुड़कर विश्व-कल्याण के भाव से सहभागिता करें; यह साधक के कर्मबंधनों व दुर्भाग्य को तीव्रता से समाप्त करने में प्रभावकारी है।
निर्वाण पथ
ज्ञान, अनुभव और समझ के माध्यम से साधकों को स्थिर प्रगति प्रदान करने वाला मार्ग—जहाँ अध्यात्म संबंधी प्रश्नों का स्पष्ट समाधान मिलता है।
योग एवं ध्यान
स्थिरता, शांति और स्पष्टता हेतु सरल ध्यान-सत्र; इसमें आसन, प्राणायाम और ध्यान की विधियों का नियमित अभ्यास होता है।
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